Menu
blogid : 1994 postid : 266

हम को भी कोई प्यार करता…..(ग़ज़ल)

एक मनमौजी की दास्तां
एक मनमौजी की दास्तां
  • 73 Posts
  • 403 Comments

हम को भी कोई प्यार करता तो कितना अच्छा होता
हमारा भी कोई ख्याल रखता तो कितना अच्छा होता.


मैं तुम से इश्क का इज़्हार करता, तुम शर्मा जाते
मेरे दिल की ज़ज्बात कोई सुनता तो कितना अच्छा होता.


किसी के सपने में आकर सारी रात उसे जगाता
कोई मेरे भी ख़्वाब बुनता तो कितना अच्छा होता.


मैं जब तकलीफ में होता, वो भी बेचैन सा होता
ग़म से सर अपना धुनता तो कितना अच्छा होता.


“राज” तुम भी देखो इस मुहब्बत का अंजाम
गर तेरा हमदम न कोई बनता तो कितना अच्छा होता.

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh