एक मनमौजी की दास्तां
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अर्ज़ किया है,
शादी कराके मैं तो परेशान हो गया
जीते जी मेरी मौत का सामान हो गया।
लेके आईं हैं मैके से वो दहेज़ में कुत्ता
फ्री में मेरे बिस्तर का दरबान हो गया।
और आगे अर्ज़ है,
रोज़ ही चली जाती हैं वो शापिंग करने
मेरा घर अब कोस्मेटिक्स का दुकान हो गया।
और अंत में,
सुना है अभी ससुराल में एक साला हुआ है पैदा
लगता है बुढ़ापे में मेरा ससुरा भी जवान हो गया।
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